12. धातु के बने गोले A को धन आवेश दिया गया तथा गोले A के बराबर द्रव्यमान के दूसरे धातु के गोले B को उतने ही परिमाण का ऋण आवेश दिया गया जितना धन आवेश गोले A को दिया गया था, तो:
(A) गोले A और B का द्रव्यमान अब भी बराबर ही रहेगा।
14. विद्युत क्षेत्र $\ce{\overset{→}{E}}$ से लम्बवत रखे विद्युत द्विध्रुव का आघूर्ण $\ce{\overset{→}{P}}$ है। इस स्थिति में द्विध्रुव की स्थैितिक ऊर्जा शून्य मान लेने पर $\ce{\overset{→}{E}}$ और $\ce{\overset{→}{P}}$ के बीच θ कोण की स्थिति में द्विध्रुव की स्थैतिज ऊर्जा होती है:
21. एक विद्युतीय द्विध्रुव दो विपरीत आवेशों से बना है जिनके परिणाम + 3.2 x 10$^{–19}$ c एवं – 3.2 × 10$^{–19}$ c है और उनके बीच की दूरी 2.4 x 10$^{–10}$ m है। विद्युतीय द्विध्रुव का आघूर्ण है:
23. दो बिन्दु आवेश पहले वायु में तथा फिर k परावैद्युतांक वाले माध्यम में उतनी ही परस्पर दूरी पर रखे जाते हैं। दोनों दशाओं में आवेशों के बीच लगने वाले बलों में अनुपात है:
27. दो बिन्दु आवेश वायु में परस्पर r दूरी पर स्थित होने पर एक-दूसरे पर F बल लगाते हैं। k परावैद्युतांक वाले माध्यम में R दूरी पर रखने पर भी वे उतना ही बल अनुभव करते हैं। R का मान है:
32. विद्युत क्षेत्र में प्रवेश करने वाले एक इलेक्ट्रॉन का प्रारम्भिकवेग विद्युत क्षेत्र से भिन्न दिशा में है। विद्युत क्षेत्र में इलेक्ट्रॉन का पथ होगा:
39. समान त्रिज्या के दो छोटे सुचालक गोलों पर क्रमश: +10μC तथा - 20μC आवेश है। एक-दूसरे से R दूरी पर रखने पर वे एक-दूसरे पर F$_1$ बल लगाते हैं। यदि उन्हें परस्पर सम्पर्क में लाने के बाद पुनः उतनी ही दूरी पर रखने पर वे F$_2$ बल लगाते हो, तो F$_1$ : F$_2$ का मान है:
58. यदि एक विद्युत द्विध्रुव की अक्षीय रेखा पर स्थित किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E$_1$ है और उतनी ही दूरी पर अनुप्रस्थ स्थिति में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E$_2$ है, तो:
59. एक आवेश Q को दो भागों q तथा (Q – 9) में विभक्त करके दोनों भागों को एक-दूसरे से कुछ दूरी पर रख दिया जाता है। उनके बीच लगने वाला वद्युत बल अधिकतम होगा, यदि:
80. यदि किसी स्थान पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता $\overset{→}{E}$ हो, तो उस स्थान पर $\overset{→}{A}$ क्षेत्रफल से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स ф निम्न सम्बन्ध से ज्ञात होता है:
85. 10 मीटर$^2$ क्षेत्रफल के आयताकार फ्रेम को 20 वोल्ट/मीटर के विद्युत क्षेत्र में इस प्रकार रखा गया है कि फ्रेम का तल विद्युत क्षेत्र की दिशा से 30° का कोण बनाता है। फ्रेम से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स है:
97. किसी दिये गये पृष्ठ के लिए गॉस का नियम इस प्रकार लिखा गया है: $\oint$ $\overset{→}{E}$.d$\overset{→}{A}$ = 0 इससे हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि:
(A) पृष्ठ पर $\overset{→}{E}$ अवश्य ही शून्य है
(B) पृष्ठ के प्रत्येक बिन्दु पर $\overset{→}{E}$ तल के लम्बवत् है
(C) पृष्ठ से होकर सम्पूर्ण विद्युत फ्लक्स शून्य है
107. R त्रिज्या और L लम्बाई का एक बेलन E तीव्रता के समरूप विद्युत क्षेत्र में इस प्रकार रखा है कि बेलन की अक्ष विद्युत क्षेत्र के समान्तर है। बेलन के पृष्ठ से कुल फ्लक्स होगा: