अल-बेरूनी का जन्म 973 ईस्वी में ख्वारीजम यानी वर्तमान उजाबेकिस्तान में हुआ था। अल-बेरूनी को शुरू से ही अरबी और फ़ारसी भाषा में महारत थी।
उन्होंने कुरान, व्याकरण, धर्म शास्त्र, और कानून की शिक्षा भी प्राप्त की इसके अलावा यूनानी सिद्धांत पर आधारित खगोल विज्ञान गणित और चिकित्सा जैसे गैर-अरबी विज्ञान भी पढ़े।
Options A सही है।
1027 ई. में 17 वां आक्रमण उसने सिंध और मुल्तान के तटवर्ती क्षेत्रों के जाटों व खोखरों पर किया था। महमुद गजनवी ने 1000ई से 1027 ई शासन किया।
Options A सही है
किताब-उल-हिंद अरबी में लिखी गई अल-बरूनी द्वारा रचित भारत के बारे में एक विस्तृत ग्रंथ है। जिसमें धर्म और दर्शन, त्योहारों, खगोल-विज्ञान, रीति-रिवाजों तथा प्रथाओ, सामाजिक जीवन, भर-तौल तथा मापन-वीडियो, मूर्तिकला, कानून, मापतंत्र विज्ञान आदि विषयों का विवेचन किया गया है।
Options B सही है।
इब्न बतूता एक अरबी यात्री, विद्वान तथा लेखक थे। उनका जन्म 24 फरवरी 1304 ई. को तंजियर में हुआ था।
इनका पूरा नाम मुहम्मद बिन अब्दुल्ला इब्न बतूता था। ये मौलाना बदुद्दीन के नाम से जाने जाते थे।
Options C सही है।
इब्न बातुता द्वारा अरबी भाषा में लिखा गया यात्रा वृतांत
रिहला में चौहदवीं शताब्दी में भारतीय उपमहाद्वीप के सामाजिक और संस्कृतिक जीवन के विषय में बहुत ही प्रचुर और रोचक जानकारी दी गई है।
Options A सही है।
किताब-उल-रेहन में मोरक्कोवासी यात्रा का इब्न बतूता के यात्रा विवरण प्राप्त का विवरण प्राप्त होता है।
Options D सही है।
इब्न बतूता मुहम्मद बिन तुगलक के शासन के दौरान भारत आया था। वह एक मुस्लिम यात्री था जो मोरक्को से भारत आया था।
Options B सही है।
इब्न बतूता मोरक्को का एक यात्री था।
वह मुहम्मद बिन-तुगलक (1333-1347) के शासनकाल के दौरान भारत आया था।
मुहम्मद बिन-तुगलक उनकी विद्वता से प्रभावित हुए और उन्होंने इब्न बतूता से प्रभावित हुए और उन्होंने इब्न बतूत दिल्ली का काजी या न्यायाधीश नियुक्त किया।
Options A सही है।
महान ईरानी विद्वान अब्दुल रज्जाक 15वीं शताब्दी में भारत आए थे।
उनका जन्म 1413 ईस्वी में हुआ था और उन्हें शाहरुख खान के अधीन समरकंद का काजी नियुक्त किया गया था।
अब्दुल रज्जाक 1442-1443 तक विजयनगर साम्राज्य दिवा राया द्वितय के दरबार में रहे और उन्होंने विजयनगर साम्राज्य का विस्तृत विवरण दिया।
Options D सही है।
भारत के हीरे और हीरे की खदानों पर विस्तृत चर्चा करने वाला विदेशी यात्री जीन-बैप्टिस्ट टवर्नियर था।
Options C सही है।
बर्नियर का जन्म 1620 ई. में फ्रांस में जोई नामक स्थान पर हुआ था। जब वह छोटे थे तभी से उन्हें यात्रा करना पसंद था। इसलिए, उन्होंने अपने छात्र जीवन से ही यूरोप के कई देशों की यात्रा की थी। उन्होंने चिकित्सा की पढ़ाई की और पैसे से डॉक्टर बन गए। भारत भ्रमण की प्रबल इच्छा के कारण वह 1658 ई. में सूरत पहुंचे। उन्होंने आगरा, अहमदाबाद, कश्मीर, बंगाल, राजमहल, कासिबाजार, मुस्लिमपतट्टी और गोलकुंडा की यात्रा की। उन्होंने आगरा और दिल्ली में मुगल शासकों के बीच में चल रहे उत्तराधिकार युद्ध का अत्यंत महत्वपूर्ण जिक्र किया है।
Options D सही है।
किताब-उल-हिंद अल-बिरूनी द्वारा लिखी गई थी। यह एक प्रसिद्ध अरबी ग्रंथ है जिसमें उन्होंने भारतीय विज्ञान, हिंदू धार्मिक विश्वासों रीति-रिवाजों और सामाजिक संगठन पर टिप्पणी की है। अल-बिरूनी भारत और इसकी ब्राह्मणवादी परंपरा का अध्ययन करने वाले पहले मुस्लिम विद्वान थे। उन्हें इंडोलॉजी का जनक और पहले मानववैज्ञानिक कहा जाता है।
Options C सही है।
पेड़ों और फलों का उनका वर्णन बहुत दिलचस्प है। इब्न बतूता को कटहल बहुत पसंद आया था और उन्होंने इसे "हिंदुस्तान का सबसे बेहतरीन फल" कहा था।
इब्न बतूता को आम ने भी बहुत आश्चर्य-चकित कर दिया था। उन्होंने लिखा, "आम एक बड़े डैमस्क प्रून फल के बराबर होता है।
Options A सही है।
अल बोरूनी ने जाति व्यवस्था का वर्णन करते हुए लिखा हैं कि भारत के समाज में सबसे ऊंची जाति ब्राह्मण की मानी जाती थी।
जिसमें हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार ब्राह्मणों की उत्पत्ति ब्रह्मा के सर से हुई और सिर शरीर का सबसे ऊपरी भाग है इसलिए ब्राह्मण सबसे उत्तम है।
उसके अनुसार ईशिन जाती, ब्राह्मण वर्ग से संबंधित है।
Options A सही है।
इब्नबतूता ने अपने यात्रा वृतांत ने भारतीय शेहरों का चित्रण करते हुए, दुर्ग ( किला ) जैसे शब्दों का उपयोग किया है।
Options A सही है।
मुल्तान सूर्य मंदिर पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के मुल्तान शहर में स्थित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है।
सूर्य देव को समर्पित इस मंदिर को आदित्य सूर्य मंदिर भी कहा जाता हैं।
मंदिर के प्रसिद्ध आदित्य मूर्ति को 10 वी शताब्दी के अंत में मुल्तान के नए राजवंश इस्माइली शासकों द्वारा नष्ट कर दिया गया था।
Options B सही है।
ताराबाद दौलताबाद में एक प्रसिद्ध संगीतकार शहर था।
इब्न बतूता के अनुसार यह पुरुष और महिला गायकों दोनों का बाजार था।
यहां संगीत वाद्ययंत्रों की भी कई दुकानें थी।
वास्तव में यह अपने समय का एक एक बड़ा प्रसिद्ध शहर था।
Options B सही है।
बर्नियर ने किसानों की स्थिति का जिक्र करते हुए, बलाहार शब्द का उपयोग (भूमिहीन व्यक्ति) को दर्शाने के लिए किया है, साथ ही राज्य को उनकी स्थिति को सुधारने के लिए जोर दिया है।
Options D सही है।
बर्नियर के ग्रन्थ ट्रैवल इन द मुगल एंपायर में उसने ग्रामीण परिवेश के महत्व की चर्चा की है साथ यूरोप से सीख कर राजकीय भूस्वामित्व के बदले निजी भूस्वामित्व के आधार पर विकास करने पर जोर दिया है।
Options A सही है।
बर्नियर ने अपने ग्रन्थ ट्रेवल इन द मुगल एंपायर में अनेक पक्षों के बार में महत्वपूर्ण वर्णन प्रस्तुत किया है।
उसने जिन पक्षों पर अधिक कलम चलाई है उसमें मुख्य है- राजपूतों में सा शस्त्र-विद्या की परंपरा, घोड़सवारो की दक्षता और अमीर वर्ग अमीर वर्ग में बाहर से आए कई व्यक्ति सम्मिलित हैं।
Options C सही है।
अकबरनामा के तीन भाग हैं जिसमें से तीसरे भाग को आईन-ए-अकबरी कहते हैं।
प्रथम भाग में अकबर के पूर्वजों तथा उसके आरंभिक जीवन का वर्णन है।
दूसरे भाग अकबर काल के घटनाक्रमों से संबंधित है।
तीसरे भाग अर्थात् आईन-ए-अकबरी में अकबर के शासनकाल से संबंधित आंकड़े तथा शासन व्यवस्था संबंधी अन्य नियमो का वर्णन है।
Options B सही है।
यह फारसी में लिखा गया था, जो मुगलों की साहित्यिक भाषा थी, और इसमें उनके जीवन और समय का विशद और विस्तृत विवरण शामिल हैं।
Options B सही है।
कुतुबुद्दीन ऐबक ने प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काफी की याद में कुतुबमीनार का निर्माण शुरू किया था।
Options D सही है।
यह मीनार भारत में ही नही बल्कि विश्व की बेहतरीन स्मारक है। दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1200 ई. में इसके निर्माण कार्य शुरू कराया किंतु वे केवल इसका आधार ही पूरा कर पाए थे। इनके उत्तराधिकारी अल्तमश ने इसकी तीन मंजिलें बनाई और 1368 में फिरोजशाह तुगलक ने पांचवी और अंतिम मंजिल बनवाई थी।
Options C सही है।
ग्रंथ पांच भागों में विभाजित है तथा सात वर्षो में पूरा हुआ था।
Options D सही है।
सम्राट अकबर के शासनकाल के दौरान,16 वी शाताब्दी के अंत में पुर्तगालियों द्वारा तम्बाकू पेश किया गया था।
तंबाकू का सेवन इतना लोकप्रिय हो गया की जहांगीर को इसे प्रतिबंधित करने के लिए 1617 के आसपास एक डिक्री पास करनी पड़ी। उनका मूल नाम नूर-उद दीन मोहम्मद सलीम था।
Options B सही है।
"अकबर की पुस्तक" तीसरे मुगल सम्राट अकबर (शासनकाल 1556-1605) के शासनकाल का आधिकारिक इतिहास हैं, जिसे अकबर ने स्वयं लिखा था और उसके दरबारी इतिहासकार और जीवनी लेखक अबुल फजल ने लिखा था।
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