हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की मजार अजमेर शहर में है।
Options D सही है।
बारहवीं शाताब्दी के प्रारंभ में रामानंद द्वारा यह आंदोलन दक्षिण भारत से उत्तर भारत में लाया गया। इस आंदोलन को चैतन्य महाप्रभु, नामदेव, तुकाराम, जयदेव ने और अधिक मुखरता प्रदान की।
Options C सही है।
इसके सदस्यों को सिख के नाम से जाना जाता है। सिख अपने धर्म को गुरमत (पंजाबी: "गुरु का मार्ग") कहते है। सिख परंपरा के अनुसार, सिख धर्म की स्थापना गुरु नानक (1469-1539) ने की थी और उनके बाद नौ अन्य गुरुओं ने इसका नेतृत्व किया।
Options A सही है।
मीरा– मीराबाई भगवान कृष्ण की भक्त थी। वह आज भी पूरे भारत में एक संत के रूप में जानी जाती हैं।
Options D सही है।
आइन-ए-अकबरी या "अकबर का प्रशासन", सम्राट अकबर के अधीन मुग़ल साम्राज्य के प्रशासन के बारे में 16 वी शाताब्दी का एक विस्तृत दस्तावेज़ हैं, जिसे उसके दरबारी इतिहासकार एने फारसी भाषा में लिखा था।
Options B सही है।
शैव अनुयायियो तथा तमिल भक्तिगीत के रचनाकार जो तमिल क्षेत्र से संबंधित थे। उनका मुख्य कार्य जैन और बौद्ध धर्म का विरोध करना था। इनमें राजकीय अनुदान के लिए प्रतिस्पर्धा थी।
Options B सही है।
जगन्नाथ एक संस्कृत शब्द है, जो जगत अर्थात ब्रह्मांड और नाथ अर्थात "स्वामी" या "प्रभु" से मिलकर बना है। इस प्रकार, जगन्नाथ का अर्थ है "ब्रह्मांड का स्वामी"।
Options A सही है।
मरीचि एक बौद्ध देवी है, जो कभी चीन, कोरिया और जापान के योद्धा वर्ग में लोकप्रिय थी।
उनकी प्रारंभिक प्रतिमाएं पूर्वांतर आंध्र प्रदेश (पांचवी से सातवीं शताब्दी, ऊपर) और तिब्बत में पाई जाती है।
महायान बौद्ध ग्रंथों में मरीचि भोर की देवी है, जिन्हें बुद्ध ने श्रावस्ती में पेश किया था।
Options A सही है।
वैदिक देवकुल के अग्नि, इंद्र और सोम जैसे देवता पूरी तरह गौण हो गया और साहित्य व मूर्तिकला दोनों में ही उनका निरूपण नहीं दिखता।
हालांकि वैदिक मंत्रों में विष्णु, शिव और देवी की झलक मिलती है। इसकी तुलना इसके विषाद, पौराणिक मिथकों से कदापि नहीं की जा सकती। किंतु इन असंगतियों के बावजूद वेदों को प्रामाणिक माना जाता रहा।
Options B सही है।
अलवार और नयनार संतों ने जाति प्रथा व ब्राह्मणों की प्रभुता के विरोध में आवाज़ उठाई।
यह बात सत्य प्रतीत होती है क्योंकी भक्ति संत विविध समुदायों से थे जैसे ब्रह्मण, शिल्पकार, किसान और कुछ तो उन जातियों से आए थे जिन्हें "अस्पृश्य" माना जाता था।
Options A सही है।
नलायिरा दिव्य प्रबन्धन 12 अलवारों द्वारा रचित 4,000 तमिल छंदों (परम) का संग्रह है, जो भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित तमिल कवि-संत थे।
अलवार छठी और नौवी शाताब्दी से संबंधित थे, और उनकी रचनाओं को तमिल कवि-संत थे।
अलवार छठी और नौवी शताब्दी से संबंधित थे, और उनकी रचनाओं को तमिल साहित्य के कुछ सबसे महत्त्वपूर्ण कार्यों और हिंदू धर्म की श्री वैष्णव परंपरा की आधारशिला माना जाता है।
Options B सही है।
अंडाल नामक अलवार स्त्री के भक्ति गीत व्यापक स्तर पर गाए जाते थे (और आज भी गाए जाते हैं)।
अंडाल स्वयं को विष्णु की प्रेयसी मानकर अपनी प्रेम भावना को छंदों में व्यक्त करती थी।
Options A सही है।
अलवार तमिल कवि संत थे जो छठी और नौवी शताब्दी के बीच संबंधित थे। उन्होंने भगवान विष्णु की स्तुति में भक्ति मंत्रों की रचना की और दक्षिण भारत के भक्ति आंदोलन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनमें से 12 अलवारों को सबसे प्रमुख माना जाता है, और उनके कार्यों को नलयीरा दिव्य प्रबन्धम में संकलित किया है।
Options A सही है।
चोल प्राचीन भारत का एक राजवंश था।
दक्षिण भारत में और पास के अन्य देशों में तमिल चोल शासको ने 9वीं शताब्दी से 13वीं शताब्दी के बीच एक अत्यंत शक्तिशाली हिंदू साम्राज्य का निर्माण किया।
चोलों के उल्लेख अत्यंत प्राचीन काल कल से ही प्राप्त होने लगते हैं कात्यायन ने चोडो का उल्लेख किया है।अशोक के अभिलेखों में भी इसका उल्लेख उपलब्ध है।
Options B सही है।
बासवन्ना यानी कर्नाटक में लिंगायत धर्म के प्रणेता एक हिंदू ब्राह्मण परिवार मे जन्म लेने वाले बासव ने बचपन से ही अपने माता-पिता को अंधविश्वासों का पालन करते देखा साथ ही उन्होंने महसूस किया कि धर्म के नाम पर पढ़े लिखे ब्रह्मण भी वही बुरे काम रहे हैं जो दूसरी जातियों के बिना पढ़े लिखे लोगों के लिए आम है।
Options A सही है।
711 ईसवी मे मुहम्मद बिन कासिम नाम के एक अरब सेनापति ने सिंध को विजय कर लिया और उसे खलीफा के क्षेत्र में शामिल कर लिया। बाद में (लगभग 13वीं शताब्दी ईस्वी) तुर्क और अफ़गानों ने दिल्ली सल्तनत की नींव रखी। समय के साथ दक्कन और अन्य भागों में भी सल्तनत की सीमा का प्रसार हुआ। बहुत से क्षेत्रों में इस्लाम शासकों का स्वीकृत धर्म था। यह स्थिति 16वीं शताब्दी में मुगल सल्तनत की स्थापन के साथ भी बरकरार रही। 18 वीं शताब्दी में जो क्षेत्रीय राज्य उभर कर आए उनमें से कई राज्यों के शासन भी इस्लाम धर्म को मानतेमानने वाले थे।
Options B सही है।
भारत में सन 712 में मोहम्मद बिन कासिम समुद्री मार्ग से भारत आया। उसके बाद भारत में लगातार अरबो का आगमन रहा।
अरब देशो में भारतीय मसाले की अच्छी मांग थी। इसलिए केरल के बंदरगाह से अरब देशो को मसाले बहुत ऊंचे दामों में बेचे जाते थे।
Options B सही है।
अधिकांश इतिहासकारों का मानना है की इस्लाम की उत्पत्ति 7वी शताब्दी ईस्वी की शुरुआत में मक्का और मदीना में मुहम्मद के मिशन के साथ हुई थी।
Options A सही है।
बीजक कबीर से संबंधित ग्रंथ है। हालांकि इस विषय में संदेश है की बीजक कबीर के द्वारा ही लिखा गया है लेकिन यह कबीर के दोहों से संबंधित ग्रंथ है, इस बात में कोई संदेश नहीं है। बीजक ग्रंथ में कबीर द्वारा रचित दोहों का संकलन किया गया है।
Options A सही है।
हजरत निजामुद्दीन, चिश्ती घराने के चौथे संत थे। इस सूफी संत ने वैराग्य और सहनशीलता की मिसाल पेश की, कहा जाता है इस प्रकार ये सभी धर्मों के लोगों में लोकप्रिय बन गए।
Options A सही है।
संत कबीर साहेब/ कबीर दास, संत स्वामी रामानंद के शिष्य थे।
रामानंद के 12 शिष्यों थे जिसमे मे अनंतानंद, सुरसुरानंद, सुखानंद, नरहरीदास, भवानंद, भगत पीपा, कबीर, सेन, धन्ना रविदास और दो महिला शिष्य सुरसुरी और पद्यवती शामिल थे।
Options C सही है।
कराईकल अम्मैयार का जन्म दक्षिण भारत में हुआ था और संभवतः वे 5वी शाताब्दी ई. में रही। वे शिव की भक्त थी।
Options A सही है।
अंडाल नामक अलावर स्त्री के भक्ति गीत व्यापक स्तर पर गाए जाते थे (और आज भी गाए जाते हैं)। अंडाल स्वयं को विष्णु की प्रेयसी मानकर अपनी प्रेमभावना को चंदों में व्यक्त करती थी।
Options B सही है।
यहां अकबर ने 1570 ई. में 'अकबरी मस्जिद' 'बुलंद दरवाजा' एवं 'महाफिलखाना' बनवाया दरगाह के पूर्वी दरवाज़े पर शाहजहां की बेटी जहांआरा बेगम द्वारा बनवाया हुआ बेगमी दालान है, जिसकी कारीगरों और नक्काशी देखते ही बनती है।
Options A सही है।
महाप्रभु वल्लाभाचार्य शुध्दाद्वैत ब्राह्मवाद के महान आचार्य और पुष्टिमार्ग के प्रवर्तक थे। उन्होंने भारतीय दार्शनिक चिंतन को समन्यव्यात्मक दृष्टि प्रदान की। साथ ही भारतीय धर्म साधना को नवीन आयाम एवं वैष्णव धर्म की कृष्ण भक्ति धारा को अपुर्व विशिष्टता प्रदान की।
Options B सही है।
महाराष्ट्र भारतीय संस्कृति और धर्म का प्रमुख केंद्र रहा है और आज भी हैं। वैसे तो महाराष्ट्र में बहुत संत हुए हैं। यह संतों की भूमि है। संतों में सबसे प्रमुख वे संत जो राष्ट्र संत हो गए और जिनके विचार आज भी समाज में प्रासंगिक बने हुए हैं।
संत ज्ञानेश्वर: सन् (1275 से 1296 ई): संत ज्ञानेश्वर का जन्म महाराष्ट्र के अहमदानगर जिले में पैठण के पास आपेगांव में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था। ज्ञानेश्वर ने भगवद् गीता के ऊपर मराठी भाषा में एक 'ज्ञानेश्वरी' नामक 10,000 पद्यों का ग्रंथ लिखा है।
संत तुकाराम: (1577-1650) महाराष्ट्र के प्रमुख संतों और भक्ति आंदोलन के कवियों में एक तुकाराम का जन्म महाराष्ट्र राज्य के पुणे जिले के अंतर्गत 'देहू' नामक ग्राम में शक संवत् 1520 को अर्थात् सन् 1598 में हुआ था। इनके पिता का नाम बोल्होबा और माता का नाम कनकाई था।
समर्थ रामदास (1608–1681): समर्थ रामदास का जन्म महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के जांब नामक स्थान पर शके 1530 में हुआ। इनका नाम नारायण सूर्याजी पंत कुलकर्णी था। उनके पिता का नाम सूर्याजी पंत और माता का नाम राणुबाई था। वे राम और हनुमान के भक्त और वीर शिवाजी के गुरु थे। उन्होंने शक संवत 1603 में 73 वर्ष की अवस्था में महाराष्ट्र में सज्जनगढ़ नामक स्थान पर समाधि ली।
Options D सही है।
राबिया अल-अदविया अल-कैसिया: (714 - 801) एक मुस्लिम संत और सूफी फकीर थी।
वह दुनिया के कुछ हिस्सों में कई नामों से जानी जाती है, जैसे हज़रत बीबी राबिया बसरी, राबिया अल बसरी या बस राबिया बसर।
Options C सही है।
बलबन ने षड्यंत्र के द्वारा 1246 में सुल्तान मसूद शाह को हटाकर नासीरुद्दीन महमूद को सुल्तान बनाया। ये एक ऐसा सुल्तान हुआ जो टोपी सीकर अपनी आजीविका निर्बहन करता था।
बलबन ने अपनी पुत्री का विवाह शेख हमीदुद्दिन नागौरी से कराया था। इसका जीवकोपार्जन का महत्वपूर्ण साधन कुरान को लिखकर बाजारों में बेचता था।
Options D सही है।
दारा शिकोह सूफ़ीवाद के कादरिया सिलसिला के अनुयायी थे।
Options C सही है।
इस प्रकार ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की "दरगाह" पर आने वाले पहले सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक थे।
ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती का जन्म 1141–42 ईस्वी में ईरान के सीजीस्तान (आधुनिक सिजिस्तान) में हुआ था।
Options B सही है।
सुहारवर्दी सिलसिले की एक शाखा फिरदौसी, जो पूर्वी भारत विशेषकर बिहार में लोकप्रिय हुई, इसके सबसे प्रमुख संत हजरत शर्फुद्दीन याहया मनेरी थे। इनके पत्रों को "मक्तूबात" के नाम से जाना जाता है।
Options D सही है।
यह दोहा कबीर दास जी का है।
इस दोहे में कबीर दास जी कहते हैं कि यदि पत्थर पूजने से ईश्वर मिले तो मैं पहाड़ की पूजा करूं, इससे तो अपने घर में चकरी ही अच्छी है जिससे सारा संसार आता पीसकर खाता है।
Options B सही है।
आदि शंकर (संस्कृत आदिशड्कराचार्य:) भारत के एक महान दार्शनिक एवं धर्मप्रवर्तक और योगी थे।
उन्होंने अद्वैत वेदांत को ठोस आधार प्रदान किया। भागवतगीता, उपनिषदों और वेदांशसूत्रों पर लिखी हुई इनकी टिकाएं बहुत प्रसिद्ध है।
उन्होंने संख्या दर्शन का प्रधानकारणवाद और मिमांसा दर्शन के ज्ञान-कर्मसमुच्चयवाद का खंडन किया।
Options B सही है।
वल्लभाचार्य जी का जन्म 27 अप्रैल 1479 को एक वैदिक तेलुगु ब्राह्मण परिवर में हुआ था। इनका जन्म स्थान वर्तमान के छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर के निकट चंपारणय है। इन्होंने शुद्ध अद्वैत (शुद्ध गैर-द्वैतवाद) का वेदांत दर्शन संप्रदाय की स्थापना की। वर्तमान में इसे वल्लभसम्प्रदाय या पुष्टिमार्ग संप्रदाय के नाम से जाना जाता है। ये वेद शास्त्र में पारंगत थे। उनकी मृत्यु 26 जून 1531 ईस्वी में (आयु 52) बनारस (इस समय के उत्तर प्रदेश में) हुई थी।
Options D सही है।
कुतुब अल अक्ताब ख्वाजा सैय्यद मुहम्मद बख्तियार अल-हुसैन, कुतुब अल-दीन बख्तियार काफी (जन्म 1173 - मृत्यु 1235) दिल्ली, भारत के एक सुन्नी मुस्लिम सूफी फकीर, संत और चिश्ती आदेश के विद्वान थे।
वह चिश्ती आदेश के प्रमुख के रूप में मुइन अल-दीन चिश्ती के शिष्य और आध्यात्मिक उत्तराधिकारी थे।
Options A सही है।
दक्षिण दिल्ली में स्थित हजरत निजामुद्दीन औलिया (1236-1325) का मकबरा सूफी कल की एक पवित्र दरगाह है।
Options A सही है।
15 वी शताब्दी के मध्य में कवि संत कबीर दास का जन्म काशी (वाराणसी, उत्तर प्रदेश) में हुआ था।
Options B सही है।
औरंगजेब नक्शबंदी सिलसिला का अनुयायी था।
ख्वाजा मुइनुद्दीन हसन चिश्ती अफगानिस्तान के मूल निवासी थे।
उनका जन्म गौहर के निकट सीस्तान यानी शाक-स्तान देश के सिजज या संजर गांव में हिजरी संवत 527 सन 1133 ई को हुआ था।
Options A सही है।
बंगाल के प्रसिद्ध संत चैतन्य, अलाउद्दीन हुसैन शाह के समकालीन थे।
चैतन्य महाप्रभु (1486–1534)एक वैदिक आध्यात्मिक नेता थे।
उन्होंने गौडीय वैष्णववाद की स्थापना की। चैतन्य भक्ति योग के वैष्णव विद्यालय के प्रचारक थे।
Options A सही है।
संत कबीर ने सबसे महान कार्य यह किया है कि उन्होंने इन्होंने भक्ति को भी सभी लोगों को समान रूप से पालन करने का अधिकार दिया।
इन्होंने अपने संदेश के लिए हिंदी शब्द का प्रयोग किया।
Options C सही है।
"ढाई दिन की झोपड़ी" का निर्माण मोहम्मद गौरी के गवर्नर कुतुब-उद-दीन ऐबक ने वर्ष 1194 में कराया था।
"ढाई दिन की झोपड़ी" का शाब्दिक अर्थ है "ढाई दिन का शेड"।
Options C सही है।
यह मीनार भारत में ही नहीं बल्कि विश्व की बेहतरीन स्मारक है। दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1200 ईस्वी में इसके निर्माण कार्यशुरू कराया, किन्तु वे केवल इसका आधार ही पूरा कर पाए थे। इसके उत्तराधिकारी अल्तमस ने इसकी तीन मंजिली बनाई और 1367 में फिरोजशाह तुगलक ने पांचवी और अंतिम मंजिलें बनवाई थी।
रामानंद ने अनंतानंद, भावानंद, पीपा, सेन नाई, धन्ना, नाभा दास, नरहर्यानंद, सुखानंद, कबीर, रैदास, सुरसरी, पद्मावती जैसे 12 लोगों को अपना मुख्य शिष्य बनाया।
जिन्हें द्वादश महाभागवत के नाम से जाना जाता है।
Options D सही है।
इसका पुराना नाम 'राय-भोई-दी-तलवंडी' था। यह लाहौर से 80 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम मेंस्थित है। इसकी जनसंख्या 60,000 है। चूंकी या स्थान गुरु नानक देव का जन्म स्थान है, यह सिखों का पवित्र ऐतिहासिक स्थान (तीर्थ स्थान) है।
Options B सही है।
संत कबीर का जन्म 1398 ई. में वर्तमान उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में हुआ था।
वे संगठित धर्म के आलोचक केरूप में जाने जाते हैं।
उन्होंने सभी धर्मो के निरर्थक और अनैतिक प्रथाओं पर सवाल उठाया, मुख्य रूप से हिंदू धर्म और इस्लाम में गलत प्रथाओं पर।
Options B सही है।
शेख सलीम चिश्ती की समाधि भारत के आगरा जिले में नगर से 35 किलो मीटर दूर फतेहपुर सीकरी शहर में, जनाना रौजा के निकट, दक्षिण में बुलन्द दरवाजा की ओर मुख किये हुए, जामी मस्जिद के भीतर स्थित हैं।
Options A सही है।