हड़प्पा पूर्वोत्तर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का एक पुरातात्विक स्थल है। यह साहीवाल शहर से 20 किलोमीटर पश्चिम में रावी नदी के किनारे स्थित है। सिन्धु घाटी सभ्यता के अनेकों अवशेष यहाँ से प्राप्त हुए है। कांस्य युगीन सिंधु घाटी सभ्यता को इसी शहर के नाम के कारण हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है। सिन्धु घाटी सभ्यता में यह सबसे पहले खोजी गयी सभ्यता थी.
1921 में जब जॉन मार्शल भारत के पुरातात्विक विभाग के निर्देशक थे तब दयाराम साहनी ने इस जगह पर सर्वप्रथम खुदाई का कार्य करवाया था।
इसे कुछ विद्वान् महाजलकुंड के नाम से संबोधित करते हैं। उत्तर से दक्षिण की ओर इसकी लंबाई 39 फीट (11.88 मीटर) तथा पूर्व से पश्चिम की ओर इसकी चौड़ाई 23 फीट (7 मीटर) है। इसकी गहराई 8 फीट (2.43 मीटर) है। नीचे तक पहुँचने के लिए इसमें पकी हुई पतली ईंटों से निर्मित सीढ़ियाँ बनाई गई हैं।
हड़प्पा के लोगों को लोहे को छोड़कर लगभग सभी धातुओं की जानकारी थी। उन्होंने सोने और चांदी की वस्तुओं का निर्माण किया।
इसलिए सही उत्तर option 4 (लोहा) होगा।
भारत का इतिहास सिंधु घाटी सभ्यता से प्रारंभ होता है जिसे हम हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जानते हैं।
यह सभ्यता लगभग 2500 ईस्वी पूर्व दक्षिण एशिया के पश्चिमी भाग मैं फैली हुई थी,जो कि वर्तमान में पाकिस्तान तथा पश्चिमी भारत के नाम से जाना जाता है।
सिंधु घाटी सभ्यता मिस्र, मेसोपोटामिया, भारत और चीन की चार सबसे बड़ी प्राचीन नगरीय सभ्यताओं से भी अधिक उन्नत थी।
अतः option 4 सही होगा।
1921 में दयाराम साहनी ने हड़प्पा का उत्खनन किया। इस प्रकार इस सभ्यता का नाम हड़प्पा सभ्यता रखा गया व राखलदास बेनर्जी को मोहनजोदड़ो का खोजकर्ता माना गया।
अतः option A सही हैं।